tag:blogger.com,1999:blog-8991386225191448978.post5118757203898543112..comments2023-09-04T12:08:04.499+05:30Comments on हिन्दी की बिंदी (*) http://hindikibindi.tk/: कभी-कभी तो सितारा-शनास लगता हूं - ग़ज़ल (सईद कैस)Unknownnoreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-8991386225191448978.post-30968743048025328762014-10-12T22:38:45.020+05:302014-10-12T22:38:45.020+05:30ये लाहौर पाकिस्तान के शायर सईद कैस हैं, जो बहरीन म...ये लाहौर पाकिस्तान के शायर सईद कैस हैं, जो बहरीन में रहते हैं।<br /><br />एक नमी सी है आँख में झरना वरना क्या है।<br />सोच रहे हैं इन जख्मों ने भरना वरना क्या है।<br />छुप छुप कर रोने की आदत छूट गई है हमसे<br />दिल के एक जरा से खेल में हरना वरना क्या है।<br />तुम तो दरिया वाले हो तुमको हम बतलाएं क्या<br />हमने अपने रेत सराब में तरना वरना क्या है।<br />बारिश का मौसम जब था तो सोचा वोचा कब था<br />Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/10617116695001104053noreply@blogger.com