01 जून, 2011

बाबा के आंदोलन के मुद्दे



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यह लेख दैनिक भास्कर से साभार लिया गया हैऔर ज्यों का त्यों आप सभी के लिया यहाँ पर दिया जा रहा है। आप सभी की टिप्पणियां सादर आमंत्रित है।
(बाबा रामदेव के आन्दोलन को समर्थन देने के लिए Toll Free No. 02233081122 पर Miss Call करें । )

भ्रष्टाचार के विरुद्ध बाबा रामदेव जो मोर्चा लगा रहे हैं, वह एक बेमिसाल घटना होगी। यदि दिल्ली में एक लाख और देश में एक करोड़ से भी ज्यादा लोग अनशन पर बैठेंगे तो इसके मुकाबले की घटना हम कहां ढूंढेंगे?


यह सबसे बड़ा अहिंसक सत्याग्रह होगा। इसका उद्देश्य जनता व शासन दोनों को भ्रष्टाचार के विरुद्ध कटिबद्ध करना है। यदि आंदोलन सिर्फ सरकार के विरुद्ध होता तो उसे शुद्ध राजनीति माना जाता, लेकिन बाबा ने स्पष्ट कर दिया है कि सत्ता की राजनीति से उनका कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने सबके लिए दरवाजे खुले रखे हैं। जो भी भ्रष्टाचार विरुद्ध हो, वह अंदर आ सकता है।


यह आंदोलन एकसूत्री नहीं है। चार दिन की चांदनी और फिर अंधेरी रात, ऐसा नहीं होगा। स्वयं बाबा रामदेव पिछले कई महीनों से देश के कोने-कोने में घूम रहे हैं। अब तक वे दस करोड़ से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष संबोधित कर चुके हैं।


आम जनता से ऐसा सीधा संवाद किसी प्रधानमंत्री ने भी अपने चुनाव अभियान के दौरान नहीं किया होगा। इस जनाधार का एक ही लक्ष्य है कि भारत से भ्रष्टाचार भगाया जाए। इस लक्ष्य की प्राप्ति किसी एकसूत्री कार्यक्रम से नहीं हो सकती और सिर्फ सरकार से मुठभेड़ करने से भी नहीं हो सकती।


इस अभियान में नए-नए मुद्दे जुड़ते चले जाएंगे और उन मुद्दों पर सरकार और जनता दोनों को अमल करना होगा। यह लड़ाई लंबी चलेगी। दिल्ली के रामलीला मैदान में रामदेव की लीला की यह शुरुआत भर है। इस लड़ाई के मुद्दे क्या-क्या हो सकते हैं, यह सोचना जरूरी है।


मेरे कुछ सुझाव ये है- सबसे पहला मुद्दा तो यही है कि देश के कम से कम 20 करोड़ लोग प्रतिज्ञा करें कि वे न तो रिश्वत लेंगे और न ही रिश्वत देंगे। किसी भी व्यक्ति को रिश्वत लेने के लिए कोई बाध्य नहीं कर सकता, लेकिन ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं कि राजा हरिश्चंद्र जैसे व्यक्ति को भी रिश्वत देने को मजबूर होना पड़े।


लेकिन संकल्प यह होना चाहिए कि उस रिश्वतखोर के विरुद्ध बाद में आप सख्त कार्रवाई करवाएंगे। चुप नहीं बैठेंगे। दूसरा, देश के हर शहर-गांव में रामदेववाहिनी जैसी किसी संस्था की शाखाएं होनी चाहिए, जिन्हें कामचोरी या भ्रष्टाचार की खबर लगते ही उनके स्वयंसेवकों की टोली आ धमके ‘फ्लाइंग स्क्वाड’ की तरह। वे भ्रष्टाचारियों का अहिंसक घेराव करें। न मारें-पीटें, न गाली-गलौज करें। बस इतना काफी है।


तीसरा, देश में कोई सरकारी जवाबदेही या नागरिक अधिकार कानून बनना चाहिए, जैसा मध्यप्रदेश व बिहार में बना है। यदि सरकारी अफसर निश्चित समय में कोई काम करके न दें तो उन्हें उसका खामियाजा भुगतना पड़े। यह बात अदालतों पर भी लागू हो। आखिर तीन करोड़ मुकदमे बरसों से अधर में क्यों लटके हैं?


चौथा, देश के सभी चुने हुए प्रतिनिधियों की चल-अचल संपत्ति की घोषणा प्रतिवर्ष हो, सिर्फ चुनाव के समय नहीं। देश के सभी राजनीतिक दलों के पदाधिकारियों पर भी यह नियम लागू हो, चाहे वे चुनाव लड़ें या न लड़ें। कैबिनेट सेक्रेटरी से लेकर चपरासी तक सभी सरकारी कर्मचारी भी इस नियम का पालन करें।


यह देश के सभी जजों, फौजियों और पुलिसवालों पर भी लागू हो। यदि आयकर विभाग में जमा किए गए हर हिसाब को भी सूचना के अधिकार के तहत खोल दिया जाए तो बड़ी-बड़ी कंपनियों, तथाकथित एनजीओ और अन्य व्यावसायिक क्षेत्रों में चल रहे भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी।


संपत्ति की घोषणा में नेताओं, अफसरों, जजों आदि के नजदीकी रिश्तेदारों को भी जोड़ा जाए। इसमें पत्रकारों को भी शामिल किया जाना चाहिए, क्योंकि खबरपालिका शासन का चौथा खंभा है। पांचवां, विदेशों में जमा काले धन की वापसी के लिए सरकार समयसीमा तय करे।


यदि उन देशों के बैंक सहयोग नहीं करें तो भारत सरकार अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में मुकदमा चलाए। उनके विरुद्ध विश्वव्यापी अभियान चलाए। संयुक्त राष्ट्र से उनकी सदस्यता खत्म करवाए। उन्हें अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद, रिश्वतखोरी, तस्करी, मादक द्रव्य प्रसार, माफिया गतिविधि और चुनाव को भ्रष्ट करने के लिए जिम्मेदार ठहराया जाए।


छठा, काले धन की वापसी में यदि सरकार ढिलाई दिखाती है तो उसके विरुद्ध करबंदी अभियान चलाया जाए। अकेले स्विस बैंकों में इतना भारतीय पैसा जमा है कि भारत सरकार को 10 साल तक टैक्स उगाहने की जरूरत नहीं है। यदि भारत सरकार लापरवाही करे तो सारे देश में सविनय अवज्ञा आंदोलन चले और नागरिक सरकार को टैक्स देना बंद कर दें।


सातवां, 500 और 1000 के नोटों को बंद किया जाए। देश के कुल नोटों के 84 प्रतिशत नोट ये ही हैं। कितनी विचित्र बात है कि देश के करोड़ों लोग 20 रुपए रोज पर गुजारा करते हैं। उनका 500 और 1000 के नोटों से कुछ लेना-देना नहीं है।


काले धन को चलाए रखने में इन बड़े नोटों की भूमिका सबसे तगड़ी है। ये खत्म होंगे तो सारे देश में बड़े लेन-देन चेक और क्रेडिट कार्ड से होंगे। देश का 90 प्रतिशत लेन-देन खुले में होगा। दुनिया के सभी मालदार देशों में प्रतिव्यक्ति आय यदि बहुत ऊंची है तो नोट छोटे हैं। डॉलर और पाउंड के 500 और 1000 के नोट नहीं होते।


आठवां, भ्रष्टाचार के विरुद्ध छह साल तक हीला-हवाला करने के बाद अब सरकार ने ‘संयुक्त राष्ट्र अभिसमय’ का पुष्टीकरण तो कर दिया, लेकिन उसे लागू करने के लिए ठोस कानून कब बनेंगे? भ्रष्टाचार विरोधी जांच एजेंसी स्वायत्त कब होंगी और भ्रष्टाचारियों की चल-अचल संपत्ति जब्त कब होगी?


नौवां, लोकपाल को लेकर सरकार जो खींचातानी कर रही है, उसी से सिद्ध होता है कि वह ‘यूएन कन्वेंशन’ को ईमानदारी से लागू नहीं करना चाहती। प्रधानमंत्री, सांसद, विधायक, नौकरशाह और जज सभी लोकपाल की जांच के तहत होने चाहिए।


दसवां, देश में अनिवार्य मतदान की व्यवस्था कुछ वर्षो तक अवश्य लागू होनी चाहिए। व्यापक चुनाव सुधारों के साथ जनमत संग्रह व प्रतिनिधियों की वापसी का प्रावधान भी किया जाए। ग्यारहवां, भ्रष्टाचारियों के लिए तुरंत और कठोरतम सजा का प्रावधान किया जाना चाहिए।


देश में व्यवस्था परिवर्तन के लिए विभिन्न प्रश्नों पर क्रांतिकारी जनमत तैयार करना होगा। इस मामले में हमारे राजनीतिक दल विफल हो गए हैं। यह करने की संभावना आज रामदेवजी में ही दिखाई पड़ती है।



-यह लेख दैनिक भास्कर से साभार लिया गया हैऔर ज्यों का त्यों आप सभी के लिया यहाँ पर दिया जा रहा है

3 टिप्‍पणियां:

  1. दोस्तों, कृपया दस मिनट का समय देकर इसे पढ़ें. अगर आपको लगता है कि बात में सच्चाई है तो यह सन्देश दूसरों को भी फॉरवर्ड करें .*************************************************************************************************************************************************स्वामी रामदेवजी से ही क्यों डरती है कांग्रेस? विदेशी लोगों का समर्थन करने वाली मिडिया क्यों पड़ी है स्वामी जी के पीछे ????दोस्तों, क्या आपने कभी सोचा है स्वामी रामदेव जी से ही कांग्रेस क्यों परेशान है और डरती है, जानिए कारण:1-स्वामी ramdev जी के तर्क के आगे कांग्रेस के तथाकथित प्रवक्ता 5 मिनट भी नहीं टिकेंगे.2- स्वामी जी के पास कांग्रेस का वास्तविक इतिहास का साक्ष्य है और कांग्रेस के कारनामो का काला चिटठा है,3- अभी तो बात आएगी मंच पर बहस की, जि***ी की आगे के किसी भी चुनाव में जोर देकर मांग की जायेगी, तब ये अज्ञानी प्रवक्ता मंच पर जनता को क्या जवाब देंगे, सरकार हर साल लोगों से 134 प्रकार के टैक्स से कितना पैसा जमा कराती है और ये पैसे कहा खर्च हो जाते है? मंदिरों का पैसा सरकार किस मद में खर्च कराती है जिसे सिर्फ हिन्दू दान देकर इकठ्ठा करता है, ये बहुत बड़ा प्रश्न है.4-मंच पर ये बहस नहीं होगी की क्या विकास किया, बहस होगी की राहुल, सोनिया, चिदंबरम, पवार, मनमोहन, विलासराव देशमुख, अहमद पटेल, प्रणव मुखर्जी जैसे लोंगो के भी काले धन के खाते है क्या? 5- काले धन का इतिहास क्या है, पहले कपिल सिब्बल ने कहा कोई भी नुकसान २ जी घोटाले में नहीं हुआ है, फिर अहलुवालिया ने कहा की हा वास्तव में कोई घोटाला नहीं हुआ है, फिर मनमोहन ने कहा इ***ी जाँच चल रही है, विपक्ष को टालते रहे, राजा जैसा आदमी जि***े पास अपनी मोबाइल को टाप अप करने का पैसा नहीं हो, यदि वह अपनी पत्नी के नाम 3000 करोड़ रुपया मारीशाश में जमा कर दे, क्या यह सब बिना सोनिया की जानकारी के कर ***ता है, उस पार्टी में जहा पर बिना सोनिया के पूछे कोई वक्तव्य तथाकथित प्रवक्ता नहीं दे ***ते है, फिर आया महा घोटाला देवास-इसरो डील का जिसमे की 205000 करोड़ की बैंड विड्थ को मात्र 1200 करोड़ के 10 साल के उधार के पैसे में दे दिया गया, भला हो सुब्रमनियम स्वामी जी का जिन्हें इन ***ो को नंगा कर दिया, हमारी कांग्रेसी और विदेशी मिडिया सुब्रमनियम स्वामी की तस्वीर हमेशा से गलत पेश किया है जब की वास्तव में भारत देश को ऐसे ही इमानदार नेताओ की जरुरत है जिसने कभी भी ***ी के बारे में सोचा ही नहीं, फिर आया कामनवेल्थ खेल का 90000 करोड़ का घोटाला, फिर कोयला का घोटाला जिसमे ठेकेदारों द्वारा 10 पैसे प्रति किलो के भाव से कोयला खरीदा जाता है और उसे बाजार में 4 रुपये किलो तक बेचा जाता है, यह रकम अब तक 26 लाख करोड़ होती है, 6-इटली के 8 बैंक और स्वीटजरलैंड के 4 बैंको को 2005 में भारत में क्यों खोला गया है और इसमे कि***ा पैसा जमा होता है, ये बैंक कि***ो लोन देते है और इनका ब्याज क्या है, इनकी जरुरत क्यों आ पड़ी भारत में जब की भारत के ही बैंकरों की बैंक खोलने की अर्जियाँ सरकार के पास धूल खा रही है, इन बैंको को ***ी छुपे क्यों खोला गया है, इन बैंको आवश्यकता क्यों है जब भारत में 80% लोग 20 रूपया प्रतिदिन से भी कम कमाते है.

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  2. 7-भारत के किसानो से कमीशन लेने वाले *** कत्रोची के बेटे को अंदमान दीप समूह में तेल की खुदाई का ठेका क्यों दिया गया 2005 में, किसने दिया ठेका, कि***े कहने पर दिया ठेका, क्या वहा पर पहले से ही तेल के कुऊ का पता लगाकर वह स्थान इसे दे दिया गया जैसे की बहुत बार खबरों में अन्य संदर्भो में आती है, यह खबर क्यों छुपाई गयी अब तक, इसे देश को क्यों नहीं बताया गया, मिडिया क्यों इसे छुपा गई, और विपक्ष ने इसे मुद्दा क्यों नहीं बनाया.8- सरकार ने पहले कहा की बाबा बकवास कर रहे है, काला धन नाम की कोई चीज नहीं है,9-फिर खबर आयी की काला धन है और सबसे ज्यादा भारतीयों का है, यह स्विस बैंको के आलावा 70 और दुसरे देसों में जमा है,10- सरकार ने कहा की टैक्स ***ी का मामला है, हम उन देशो से समझौते कर रहे है, जिससे की दोहरा कर न देना पड़े,11- यह टैक्स ***ी नहीं भारत देशको लूट डालने का मामला है जि***ी सजा किसान से पूंछो तो सिर्फ मौत देना चाहता है वह भी सब कुछ वसूल लेने के बाद,12- फिर बात आई की यदि ये भ्रष्टाचारी और लुटेरे इसमे से 15% टैक्स सरकार को दे तो इसे भारत के बैंको में जमा करने दिया जायेगा और किसी को यह हक़ नहीं होगा की वह पूछे की या इतना पैसा कैसे कमाया या लूटा. सरकार इस पर एक कानून ला रही है, क्यों? कि***ो बचाया जा रहा है? जिसने भी यह गद्दारी की है उसे तो भीड़ ही मार डालेगी, इन्ही लोगो की वजह से भारत में इतनी महागायी है की लोग शादी खर्च से बचने के लिए बेटियों की जान ले ले रहे है, किसान आत्महत्या कर रहा ई, गरीब दवा नहीं करा रहा है, बच्चे स्कुल नहीं जा रहे है, इन्हें तो किसी कीमत पर नहीं छोड़ा जा ***ता है, ये यूरिया घोटाला करते है और यूरिया किसान को दुगुने दाम बचा जाता है, फिर गेहू सस्ते में खरीदा जाता है, और अब तो घोटाला 115% हो जायेगा, 115 चुराओ, 15 सरकार को देकर 100 खुद रख लो.

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  3. 13-हमारे देश में क्यों अनुसन्धान के लिए पर्याप्त पैसा नहीं दिया जाता है, यह की***ी चाल है, जि***ी वजह से हम 5-10 गुना दाम में विदेशी चीजे खरीदते है,14-ऐसे कौन से कारण है जिनके कारन हम नेहरू के द्वारा ट्रांसफर अफ पॉवर अग्रीमेंट 14 अगस्त 1947 को दस्तखत करने के बाद भी आज तक विक्सित नहीं बन पाए, जब की हमारी जनता हफ्ते में 90 घंटा काम करती है जबकि काम*** अंग्रेज हफ्ते में सिर्फ 30 घंटा काम करते है,15-क्या कारण है की हमारे 45 रुपये में 1 डालर और 90 रुपये में 1 पौंड मिलाता है, जब की 1947 में 1 रुपये में 1 डालर मिलता था.16-क्या कारण है की हमारे देश में एक भी सोलर ऊर्जा वैज्ञानिक नहीं है और दुनिया भर के परमाणु वैज्ञानिक है जो हमें हमेशा झूठा अश्वाव्हन देते है की यह परमाणु बिजली सस्ती और निरापद है भारत की परमाणु से सम्बंधित कुल बाजार 750 लाख करोड़ का होगा. जब की हम भारत में 400000 मेगावाट सोलर बिजली बना ***ते है, 17-हम अभी तक सुरक्षित अन्ना भण्डारण की व्यवस्था क्यों नहीं बना पाए जब की हमारे पास धन की कमी ही नहीं है, क्योकि अन्न को सडा दिखाकर उसे कौड़ियो के भाव शराब माफिया को बचा जाता है जब की गरीब अन्ना बिना मर रहा है, इ***े लिए तो कोई एक व्यक्ति जिम्मेदार होगा, उ***ी सजा क्या है,18- मीडिया को निष्पक्ष बनाने के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है, सभी भारतीयों को पता चल गया है की मिडिया , टीवी और पत्रिकाए सरकार को बिक चुकी है, बड़े शर्म की बात है, शाम को सिर्फ 4 रोटी खाने के लिए भारत माता से गद्दारी क्यों?19. अगर देश में 2 लाख करोड़ रुपये की नकदी सर्कुलेशन में है तो देश की अर्थव्यवस्था करीब 100 लाख करोड़ रुपयों की होती है. और हमारे देश में रिजर्व बैंक अबतक लगभग 18 लाख करोड़ रुपयों के नोट छाप चुका है और कमसे कम 10 लाख करोड़ रुपये सर्कुलेशन में है. इस हिसाब से देश की अर्थव्यवस्था करीब 400 से 500 लाख करोड़ रुपये होनी चाहिए लेकिन अभी हमारी अर्थव्यवस्था केवल 60 लाख करोड़ की है. जबकि इतनी अर्थव्यवस्था के लिए दो लाख करोड़ से भी कम सर्कुलेशन मनी की जरूरत है. 20. अगर 400 लाख करोड़ रूपये का काला धन देश में वापिस आ जाता है तो देश की अर्थव्यवस्था करीब 20,000 लाख करोड़ रुपये होगी ... क्या आप जानते हैं कि इस समय अमेरिका सबसे शक्तिशाली देश है और उ***ी अर्थव्यवस्था करीब 650 लाख करोड़ की है... मतलब 400 लाख करोड़ रुपये वापिस मिलने पर हम अमरीका से भी 30 गुना ज्यादा शक्तिशाली बन ***ते है.दोस्तों, स्वामी जी की टीम निरक्षरों की नहीं बल्कि बहुत पढ़ी लिखी, ज्ञानी, दानी, समर्पित, इमानदार और राष्ट्रप्रेमी टीम है, इसमे ज्यादातर इंजिनियर और आई टी के लोग जुड़े है, इनमे कई लोग ऐसे भी हैं जो करोड़ों रुपयों की नौकरी और कारोबार छोड़कर केवल देश के लिए स्वामी जी के साथ जुड़े हैं.४ जून के बाद का समय सरकार के लिए इतना आसान नहीं होगा. भारत को वैभव शाली बनाने के लिए सभी देशवासिओं के पूरे सहयोग और समर्थन की जरूरत है. इस सन्देश को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाए, स्वामी रामदेव जी के आन्दोलन को समर्थन देने के लिए फोन नंबर 022 33081122 पर मिस काल करें (मिस काल का कोई शुल्क नहीं लगता है)जय भारत

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