एक था नाई। वह बड़ी समझवाला आदमी था। एक बार नाई दूसरे गांव जाने के लिए निकला। साथ में हजामत बनाने की पेटी भी थी।
रास्ते में एक बहुत बड़ा और घना जंगल पड़ा। नाई अपने रास्ते चला जा रहा था कि इसी बीच उसे एक बाघ आता दिखाई पड़ा। नाई घबरा उठा।
सोचा- ‘अब तो बेमौत मरे! यह बाघ मुझे क्यों छोड़ने लगा?’
इसी बीच नाई को एक तरकीब सूझी। जैसे ही बाघ पास आया, नाई गरजकर बोला, "आ जा कुत्ते ! अब तेरी क्या ताक़त है कि तू मेरे हाथ से छूट-कर भाग सके। देख, इस एक बाघ की तो मैंने अन्दर बन्द किया ही है, और अब तेरी बारी है।" नाई ने बाघ को कुत्ता कहा था, इसलिए बाघ तो आग-बबूला हो उठा था। वह छलांग मारकर नाई पर झपटा। तभी नाई ने आईना निकलकर बाघ को दिखाया। बाघ ने उसमे अपना मुंह देखा।
उसने सोचा-‘सचमुच इस नाई की बात तो सही मालूम होती है। एक बाघ तो पकड़ा हुआ दीख ही रहा है। अब यह मुझे भी पकड़ लेगा।’ फिर तो बाघ इतना डरा कि वहां से जान लेकर भागा।
नाई ने आईना अपनी पेटी मे रख लिया और वह आगे बढ़ा। चलते- चलते रात हो गई। नाई एक बड़े से बरगद पर जा बैठा और रात वहीं रह गया।हजामत की पेटी उसने एक डाल पर टांग दी, और वह आराम से बैठ गया। कुछ ही देर के बाद बरगद के नीचे बाघ इकट्ठे होने लगे। एक, दो तीन चार इस तरह कई बाघ जमा हो गए।
आज वहां बाघों को अपना वन-भोजन था। उन बहुत से बाघों में वह बाघ बोला, "अरे भैया! आज तो गज़ब हो गया!"
सब बाघ पूछने लगें, "क्या हुआ?"
बाघ बोला, "आज एक नाई मुझे रास्ते में मिला। जब मैं उस पर झपटा और उसे खाने दौड़ा तो, वह बोला, ‘अरे कुत्ते! एक को तो मैंने बन्द किया ही है, अब तेरी बारी है। तू भी आ जा।’ जैसे ही मैं उसे खाने दौड़ा,उसने अपनी पेटी में से एक बाघ निकाला और मुझे दिखाया। मैं तो इतना डर गया कि पूंछ उठाकर भाग खड़ा हुआ।"
एक बाघ ने कहा, " बस करो, बस करो, बेमतलब की गप मत हांको। भला, कोई नाई किसी बाघ को इस तरह पकड़ सकता है?"
बाघ बोला, " अरे भैया! मैंने तो उसे अपनी आंखों से देखा है।"
दूसरे बाघ ने कहा, "ऊहं! तुम तो डरपोक हो, इसलिए डरकर भाग खड़े हुए। तुम्हारी जगह मैं होता,तो उसे वहीं खत्म कर देता।"
बाघों को बातें सुनकर नाई तो पसीना-पसीना हो गया। वह इस तरह थर-थर कांपने लगा कि बरगद की डालियां हिल उठीं. एक डाल पर एक बंदर सो रहा था। डाल के हिलने पर वह नीचे आ गिरा। तभी नाई ने होशियारी से काम लेकर कहा, "भैया, पकड़ लो उसे बाघ को। ख़बरदार, छोड़ना मत! यह बाघ बहुत सयाना बन रहा है।"
सुनकर बाघ ने कहा, " देखों, मैं कहता था न कि कोई बाघों को पकड़ने निकला है?"
संयोग कुछ ऐसा हुआ कि बंदर उस बाघ पर ही आ गिरा । बाघ तो छलांगे मारता हुआ भाग निकला। उसके पीछे-पीछे दूसरे सब बाघ भी भागे। सब-के सब बाघ गायब हो गये।
padh rakhi hai
जवाब देंहटाएंबेचारा बाघ डर के मारे भाग गया
जवाब देंहटाएंGood one
हटाएंDimag kam kar gaya
जवाब देंहटाएंKahani poorani hai....
जवाब देंहटाएंAisi kahani aur bhi
जवाब देंहटाएंek aur
Mast kahani h
जवाब देंहटाएंMast kahani h
जवाब देंहटाएंMast kahani h
जवाब देंहटाएंMast kahani h
जवाब देंहटाएंMast kahani h
जवाब देंहटाएंNice story
जवाब देंहटाएंAayno..se..sher..darte..to..sher..naam..nahi..hota..geedad..hota
जवाब देंहटाएंha ha ha ha ah ah ah aha
हटाएंBakwas. Hai
जवाब देंहटाएंYe to kahani hai padane mei achi hai
जवाब देंहटाएंYe to kahani hai padane mei achi hai
जवाब देंहटाएंBekar hai.
जवाब देंहटाएंNice story
जवाब देंहटाएंYe sab kahani me achha lagta hai. Hakikat me aayega to tera bap khajayega.
जवाब देंहटाएंLike this.very nice.
जवाब देंहटाएंNice Story I Like This.
जवाब देंहटाएंKya bat
जवाब देंहटाएंबहोत अचछी कहानी हे
जवाब देंहटाएंaaj kl sher ki jagah lutere huwa krte hayn............................!!!
जवाब देंहटाएंthik tak h
जवाब देंहटाएंnice story
जवाब देंहटाएंmst hai
जवाब देंहटाएंVery Good initiative. Shall keep our childhood alive. Hindi Kahani
जवाब देंहटाएंनाई बहूत तेज था
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