20 मार्च, 2010

चिट्ठी

मिसेज संता वागले जली-भुनी बैठी थी। मिस्टर संता आफिस से आए तो उन्होंने नाराज़गी का कारण पूछा।
मिसेज संता- तुम्हारी मां ने मेरी इंसल्ट की है।
मिस्टर संता- कैसे! वह बेचारी तो 500 किमी दूर मेरे छोटे भाई के साथ रह रही हैं।
मिसेज संता- उन्होंने आपके नाम एक चिट्ठी भेजी थी, जिसे मैंने दोपहर में खोलकर पढ़ लिया।
मिस्टर संता- तो?
मिसेज संता- तुम्हारी मां ने चिट्ठी के आखिर में लिखा था- तुमने तो चिट्ठी पढ़ ली, अब इसे मेरे बेटे को दिखाना मत भूलना!

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संता ने बंता को बताया- मैं तो उसी से शादी करूंगा, जो मेहनती हो, सादगी से रहे, घर को संवारकर रखे और जो मेरे इशारों पर चले।
बंता ने कहा- यार, घर आकर मेरी नौकरानी से मिल लेना। उसमें ये सभी गुण हैं।

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