लंबे समय तक दोस्त और उसके बाद प्रेमी-प्रेमिका रहे संता और बंतानी ने निर्णय लिया कि अब उन्हें विवाह कर ही लेना चाहिए। एक दिन बंतानी ने बातों ही बातों में संता से कहा: हमें एक-दूसरे से मिते-जुलते लंबा अरसा हो गया है। हम एक-दूसरे को अच्छी तरह जान-समझ चुके हैं। अब मुझै लगता है कि हम दोनों को शादी कर लेनी चाहिए। संता बोला: बात तो तुम्हारी एकदम सही है, मगर अब जबकि पूरा शहर हमारे प्रेम-प्रसंग से परिचित हो गया है, तो फिर आख़िर हम दोनों से शादी कौन करेगा?
------------------------------------------------------
बंतानी पार्क में बेंच पर बैठी थी।
भिखारी बंता: हाय डार्लिग!
बंतानी (नाराजगी से): मुझे डार्लिग कहने की तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई?
भिखारी संता: तो फिर तुम मेरे इस ‘बिस्तर’ पर क्या कर रही हो?
------------------------------------------------------
प्रतिभाशाली वैज्ञानिक संता ने न्यूटन के गति के तीन नियमों में एक और नियम जोड़ा है: ‘लूज मोशन कभी भी स्लो मोशन में नहीं हो सकता।’
------------------------------------------------------
वेटर बंता ने संता को खाने का बिल दिया।
संता: ये लो, मेरे कार्ड में से ले लो।
बंता: पर सर, यह तो राशन कार्ड है।
संता: अबे स्साले, तो फिर बाहर क्यों लिख रखा है कि ‘सभी तरह के कार्ड स्वीकार किए जाते हैं।’
20 मार्च, 2010
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
very nice sir.......i like jokes.thankyou sir
जवाब देंहटाएंHa,ha...swagat hai..
जवाब देंहटाएंMaza aa gaya..anek shubhkamnayen!
जवाब देंहटाएं