17 नवंबर, 2009

अंधे गायक ने बचाया बच्चे को

सुंदर बाग़। तेज़ धूप बाग के बीच तरणताल। दृश्य आकर्षक था। पर टाम सलवेन के लिए नहीं। कारण यह नहीं कि वह अंधा था और इस दृश्य को देखकर आनंदित नहीं हो सकता था। कारण कुछ और ही था- बेहद ख़तरनाक और भयानक।

टाम तरणताल के शांत पानी की तह में धीरे-धीरे तैरता हुआ आगे बढ़ रहा था। सांस रोके रखने के कारण उसके फेफड़े फटे से जा रहे थे। पीड़ा से बुरा हाल था। वह देख नहीं सकता था, पर हर आहट और कंपन को सुनने के लिए बेताब था। पानी के बुलबुलों की मद्धम-सी आवाज़ की भी उसे अधीरता से प्रतीक्षा थी, क्योंकि वह आवाज़ उसे अपनी डूबती हुई तीन वर्षीय बेटी ब्लाइथ के निकट पहुंचने में सहायता दे सकती थी।

आख़िर वह आवाज़ उसके कानों में आ ही गई, जिसकी वह प्रतीक्षा में था। पानी में कही मद्धिम-सी कलकल हो रही थी। टाम ने अपनी सारी शक्ति लगाकर आवाज़ की दिशा में बढ़ने का प्रयत्न किया। संगीतकार और गायक टाम ने अल्पावधि में ही ख्याति प्राप्त कर ली थी। दौलत उसके क़मद चूमने लगी थी। तीन दिन पहले ही वह बेलएर (लॉस एंजेल्स) स्थित धनी लोगों की बस्ती के उस शानदार बंगले में अपनी पत्नी पेट और दो बच्चों के साथ आया था।

टाम की पत्नी अपने नवजात बच्चे को लेकर बाज़ार गई हुई थी। टाम और ब्लाइथ घर में अकेले थे। तीन वर्षीया ब्लाइथ को बहलाने के लिए टाम इस तरणताल में कोई घंटे भर तक उसे तैराकी का पहला पाठ सिखा रहा था। दोनों गुनगुने पानी में खेलते रहे।अकस्मात टाम को ़ख्याल आया कि उसे एक आवश्यक टैलीफोन करना है। उसने ब्लाइथ को तालाब से निकाला और उसे उठाकर ले चला। तरणताल के किनारे बने चूबतरे के पार घास पर उसे बिठा दिया। टाम पूरी तन्मयता के साथ टैलीफोन पर बात कर रहा था कि सहसा उसे बाहर से आवाज़ सुनाई दी। पहले तो उस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई, पर अगले ही क्षण दिल पर तीर-सा लगा, जो उसने आवाज़ सुनी थी, वह किसी के पानी में गिरने की थी।

उसने रिसीवर क्रेडिल पर पटका और एक कुर्सी और मेज़ से टकराने के बाद खिड़की से बाहर घास पर कूद गया। वह भय से व्याकुल हो कर चीख़ रहा था- ब्लाइथ! पर अपनी पुकार का उसे कोई जवाब नहीं मिला।

तालाब के किनारे उसने फिर आवाज़ लगाई, पर वहां खामोशी ही खामोशी थी। उस समय अपने आप पर उसे बुरी तरह रोना आया। एक क्षण रुक कर वह उस भयानक सन्नाटे में कोई आवाज़, कुई खुसर-फुसर, कोई आहट सुनने का प्रयत्न करता रहा। फिर उसने अपनी दहशत पर काबू पा लिया और तालाब में उतर गया।

उसे सुराग मिल ही गया। तीर की तरह लपका। उसकी बांहों ने एकाएक एक नन्हे निश्चल शरीर का स्पर्श अनुभव किया। वह एकदम उसे संभाल कर सतल पर आया। टाम ने अंधा होने के बावजूद हालात से हार नहीं मानी।

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