28 जनवरी, 2010

एक टोकरी मिट्टी -कहानी

एक गांव के ज़मींदार ने एक वृद्धा का खेत छीन लिया। वृद्ध महिला ज़मींदार के पास गई और हाथ जोड़कर बोली, ‘मैं आपसे खेत मांगने नहीं आई हूं। बस इतनी-सी याचना है कि आप मुझे उस खेत में से एक टोकरी मिट्टी लेने दें। इससे मेरी आत्मा को संतोष मिलता रहेगा।’

ज़मींदार ने कुछ सोचकर कहा, ‘ठीक है, जाओ ले लो।’ वृद्धा खेत की ओर गई। ज़मींदार के मन में चोर समाया था, इसलिए वह भी खेत पर जा पहुंचा। वृद्धा रो-रोकर मिट्टी खोद रही थी। टोकरी भर जाने पर वृद्धा ने आंसू पोंछते हुए कहा, ‘ज़रा यह टोकरी उठवाकर मेरे सिर पर रख दो।’



ज़मींदार ने कहा, ‘उठवा तो दूं, लेकिन यदि तू इतना बोझ उठाएगी, तो मर जाएगी।’ वृद्धा ने बेहद सरलता से जवाब दिया, ‘यदि मैं एक टोकरी मिट्टी उठाने से मर जाऊंगी, तो आप मुझसे पूरा खेत छीनकर कैसे जीवित रहेंगे?

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