16 जनवरी, 2010

शराबी - कहानी

एक आदमी अपने दोस्त के घर पार्टी में गया हुआ था। पार्टी देर रात तक चलती रही और जाम पर जाम टकराते रहे। मु़फ्त की मिल रही थी, इसलिए उस आदमी ने खूब पी ली। इतनी पी ली कि कुछ-कुछ होश तो बाक़ी रहा, पर उससे ढंग से चला भी नहीं जा रहा था।

वहां कुछ ऐसे भी दोस्त थे, जिन्होंने थोड़े संयम से काम लिया था। वे गाड़ी चलाकर अपने घर तक पहुंचने की हालत में थे। उन्होंने इस आदमी को घर तक छोड़ देने की पेशकश की, लेकिन उसने मना कर दिया। जैसा कि शराब पीने के बाद किसी व्यक्ति का दुस्साहस मूर्खता की हद तक बढ़ जाता है, उसने ख़ुद ड्राइव करते हुए घर जाने का निर्णय लिया।



चूंकि रात बहुत हो चुकी थी और मेजबान समेत कोई भी दोस्त बहस करने के मूड में नहीं था, इसलिए किसी ने उसे ज्यादा रोका-टोका नहीं। इस तरह वह अपनी गाड़ी लेकर निकल गया। उसका घर ज्यादा दूर नहीं था और रास्ता ख़ाली, इसलिए दोस्तों ने भी ख़ास चिंता नहीं की।



भले ही रास्ता कितना छोटा हो, पर उसके गाड़ी चलाने के ढंग से साफ़ नजर आ रहा था कि वह नशे में है। तो रास्ते के बीच में ही पुलिस की गाड़ी ने उसे रोक लिया और अपनी गाड़ी से बाहर आने के लिए कहा। बाहर आने के बाद पुलिसवालों ने उसका नाम-पता नोट किया।



वे उससे पूछताछ कर ही रहे थे कि उन्हें वायरलेस पर मुख्यालय से सूचना मिली कि उस जगह से दो-चार घर छोड़कर डकैती हो गई है। पुलिसवालों ने उसका नाम-पता तो लिख ही लिया था, सो अपनी वापसी तक उसे वहीं खड़ा रहने की हिदायत देकर वे दौड़ते हुए घटनास्थल की ओर चल दिए। कुछ देर हो गई। कुछ और देर हो गई। वह आदमी उकता गया था।



शराब के नशे में उसका दिमाग़ भी पता नहीं कहां-कहां दौड़ रहा था। उसने सोचा, पुलिसवालों ने नाम-पता लिख लिया है, तो क्या हुआ, अगली सुबह तक तो सब नशा उतर जाएगा, फिर वे कौन-सा केस चला लेंगे। यह सोचकर उसने आसपास देखा, गाड़ी उठाई और निकल लिया।



घर पहुंचकर उसने गाड़ी गैराज में रखी और बीवी से कह दिया कि मैं सोने जा रहा हूं, कोई आए तो कह देना कि मुझे तो फ्लू हो गया है और मैं कल से बिस्तर पर ही हूं। एकाध घंटे के बाद दरवाजे पर खटखट हुई। पत्नी ने दरवाजा खोला, तो पुलिस को देखकर हैरान रह गई। वह पतिव्रता स्त्री थी, इसलिए पति ने जैसा सिखाया था, वैसा कह दिया।



पुलिसवाले तो मानने को तैयार ही नहीं थे। पर उन्होंने उस आदमी को हाजिर करने की जिद नहीं की। उन्होंने कहा कि आप तो अपने पतिदेव को आराम करने दें, हमें बस उनकी गाड़ी दिखा दें। पत्नी को भला क्या आपत्ति होती। उसने नीचे आकर गैराज खोला, तो वहां पुलिस की गाड़ी खड़ी थी और उसमें ऊपर लगी लाइट अभी भी जल रही थी।

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