24 जनवरी, 2010

लगन - कहानी

द्वन्द्व युद्ध के महारथी एक ज़ेन साधक बन्जो के पास माताजुरो नाम का एक युवक आया और उनसे द्वन्द्व कला सीखने की इच्छा जताई। बन्जो ने कहा, ‘कठोर साधना करनी पड़ेगी। मेरे शिष्य छह-छह घंटे रोज कड़ा अभ्यास करते हैं तब जाकर दस साल में सीख पाते हैं। सोच लो। तुममें इतनी लगन और धैर्य हो तो मेरे शिष्य बनो।’उत्साही माताजुरो ने कहा, ‘दस साल तक छह-छह घंटे रोज मेहनत करने में मुझे कोई परेशानी नहीं, बल्कि मैं तो रोज बारह-बारह घंटे अभ्यास करने को भी तैयार हूं।’ जेन साधक बन्ज़ो ने कहा, ‘तब तो तुम्हें सीखने में बीस साल लग जाएंगे। क्योंकि तब तुम्हारा ध्यान सीखने में नहीं, बल्कि जल्दी से जल्दी महारथी बनने में लगा रहेगा।’

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